ब्राम्ह अनुभूति अखबार यूपी लाइव न्यूज 24 उत्तर प्रदेश
संस्थापक संपादक प्रवीण सैनी
लखनऊ: भारत सरकार के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा गुरूवार को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित भव्य समारोह में स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 के पुरस्कार वितरित किए गए। इस समारोह में भारत की महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी ने लखनऊ नगर निगम को देशभर में तीसरा स्थान प्राप्त करने पर सम्मानित किया। यह गौरवपूर्ण क्षण सिर्फ एक पुरस्कार नहीं, बल्कि लखनऊ की बढ़ती जागरूकता, समर्पित प्रयासों और नागरिकों की सहभागिता का प्रमाण है। इस अवसर पर केंद्रीय ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री श्री मनोहर लाल जी, प्रदेश के नगर विकास मंत्री श्री ए.के. शर्मा जी, महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल, पूर्व नगर आयुक्त श्री इंद्रजीत सिंह मंच की गरिमा बढ़ा रहे थे।
महामहिम राष्ट्रपति ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण ने स्वच्छता के प्रति शहरी क्षेत्रों की प्रतिबद्धता को न केवल मापा है, बल्कि उसे प्रोत्साहित भी किया है। उन्होंने बताया कि यह दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता सर्वेक्षण है, जिसमें करीब 14 करोड़ नागरिकों ने भाग लिया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की सांस्कृतिक परंपरा में स्वच्छता का गहरा महत्व रहा है। महात्मा गांधी जी ने स्वच्छता को ईश्वर भक्ति के समकक्ष बताया था। इस कार्यक्रम में लखनऊ के माननीय पार्षद श्री गिरीश गुप्ता, श्री सुशील तिवारी ‘पम्मी’, श्री सौरभ सिंह ‘मोनू’, श्री रंजीत सिंह , नगर आयुक्त श्री गौरव कुमार, अपर नगर आयुक्त डॉ. अरविंद कुमार राव, जीएम जलकल श्री कुलदीप सिंह सहित लखनऊ नगर निगम की टीम भी उपस्थित रही।
भारत सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 के परिणामों में लखनऊ ने देशभर के 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की श्रेणी में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। साथ ही, उत्तर प्रदेश में लखनऊ ने पहला स्थान हासिल कर राज्य को गौरवान्वित किया है। यह उपलब्धि कई मानकों पर नगर निगम की उत्कृष्टता का प्रमाण है, जो “Reduce, Reuse, Recycle” की भावना से प्रेरित है।
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*स्वच्छता के इन प्रमुख बिंदुओं पर लखनऊ को मिले उच्च अंक:*
*घर-घर से कचरा संग्रहण (Door to Door Collection):*
लखनऊ नगर निगम द्वारा सभी वार्डों में घर-घर से कचरे के नियमित और वैज्ञानिक ढंग से संग्रहण की प्रभावी व्यवस्था में उत्तरोत्तर वृद्धि की गई है।
*कचरे का स्रोत पर पृथक्करण (Source Segregation): 97%*
नागरिकों को गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग रखने के लिए प्रेरित किया गया, जिसके चलते पृथक्करण की दर 97% तक पहुँची।
*कचरा उत्पादन बनाम प्रोसेसिंग (Waste Generation vs Processing): 100%*
लखनऊ ने जितना कचरा उत्पन्न किया, उतना ही वैज्ञानिक तरीके से प्रोसेस भी किया — यह बेहद सराहनीय है।
*विरासत कचरे का समाधान (Remediation of Dumpsites): 100%*
घैला और शिवरी जैसे डंप साइट्स को पूरी तरह साफ कर, उन क्षेत्रों को पुनर्विकसित किया गया है।
*आवासीय क्षेत्रों की स्वच्छता (Cleanliness of Residential Areas): 100%*
हर मोहल्ला और बस्ती को साफ और सुंदर बनाए रखने में नगर निगम सफल रहा है।
*बाजार क्षेत्रों की स्वच्छता (Cleanliness of Market Areas): 100%*
व्यस्त बाजारों में भी सफाई बनाए रखने में शहर ने अनुकरणीय कार्य किया है।
*जल निकायों की स्वच्छता (Cleanliness of Water Bodies): 100%*
झीलों, नालों और तालाबों की सफाई व सौंदर्यीकरण पर विशेष ध्यान दिया गया।
*सार्वजनिक शौचालयों की सफाई (Cleanliness of Public Toilets): 93%*
स्वच्छ और सुगम शौचालयों की उपलब्धता से नागरिकों को सुविधा मिली है।
*स्वच्छ सर्वेक्षण में उच्च स्थान दिलाने वाले प्रमुख प्रयास:*
* *100% कचरा प्रोसेसिंग और वेस्ट-टू-वेल्थ मॉडल:*
-शिवरी संयंत्र में प्रतिदिन 2100 TPD ताजे कचरे का 100% वैज्ञानिक निस्तारण।
-घैला डंप साइट से 6.5 लाख टन विरासत कचरे का निष्पादन और भूमि का पुनर्विकास।
-150 टन जैविक खाद और बायो-CNG व बायो-CBG संयंत्रों की स्थापना से कचरे को आर्थिक संसाधन में बदला गया।
* *नागरिक सहभागिता और IEC अभियान:*
-जागरूकता बढ़ाने हेतु विद्यालयों, बस स्टॉप्स, रेलवे स्टेशनों और सोशल मीडिया पर बहुआयामी अभियान। लखनऊ नगर निगम की सोशल मीडिया मुहिम ने स्वच्छता में जनभागीदारी का नया कीर्तिमान रचा। डिजिटल जागरूकता, शिकायत निस्तारण, और प्रेरणादायक कंटेंट से 4 करोड़ से अधिक व्यू मिले।
-नागरिकों की भागीदारी से स्रोत पर कचरे का पृथक्करण, जो राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक है।
* *डोर-टू-डोर कलेक्शन और तकनीकी निगरानी:*
-पूरे शहर में 1250+ ई-वाहनों द्वारा घर-घर कचरा संग्रहण।
-कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के जरिए हर वाहन की लाइव निगरानी।
* *निर्माण एवं विध्वंस (C&D) कचरा प्रबंधन:*
-हरीकंशगढ़ी में 300 TPD C&D वेस्ट प्लांट और आठ ज़ोनल कलेक्शन केंद्र।
* *पर्यावरणीय संवर्धन और सौंदर्यीकरण:*
-3.5 लाख से अधिक पौधरोपण, 250+ ओपन एयर जिम, सेल्फी पॉइंट्स और वेस्ट-टू-वंडर पार्क।
– राजभवन के पास कचरा बिंदु को स्केटिंग रिंक में बदला गया, और 10 और स्थानों पर ऐसी योजनाएं चल रही हैं।
* *वायु गुणवत्ता में सुधार:*
-96 इलेक्ट्रिक रोड स्वीपिंग मशीनें PM10 स्तर में 41% की गिरावट का कारण बनीं।
-2 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र से हर माह ₹20 लाख की बिजली बचत। प्लास्टिक पुनः उपयोग के प्रयास:*
-9.6 टन अपचायक प्लास्टिक से बनी 2 किमी सड़कें।
-जब्त सिंगल यूज़ प्लास्टिक से कुर्सियाँ, टेबल, गमले तैयार किए जा रहे हैं।
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महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल जी का वर्जन — स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में लखनऊ को तीसरा स्थान मिलने पर
“स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में लखनऊ को देशभर में तीसरा और उत्तर प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त होना समस्त लखनऊवासियों के लिए अत्यंत गौरवपूर्ण उपलब्धि है। यह सम्मान हम सभी की साझा मेहनत, संकल्प और समर्पण का परिणाम है। यह लखनऊ की जनता की जागरूकता और सहभागिता की सशक्त अभिव्यक्ति है। इस ऐतिहासिक सफलता के लिए मैं सबसे पहले देश के यशस्वी रक्षा मंत्री व लखनऊ के यशस्वी सांसद आदरणीय श्री राजनाथ सिंह जी का हृदय से आभार व्यक्त करती हूँ, जिनके मार्गदर्शन और निरंतर समर्थन ने लखनऊ को विकास की नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया है।
साथ ही, मैं प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री आदरणीय श्री योगी आदित्यनाथ जी का विशेष धन्यवाद करती हूँ, जिनके नेतृत्व में ‘स्वच्छ उत्तर प्रदेश – समृद्ध उत्तर प्रदेश’ का संकल्प एक सशक्त अभियान में परिवर्तित हुआ। उनकी मजबूत नीति और विज़न ने नगरीय निकायों को नई दिशा दी है। मैं प्रदेश के नगर विकास मंत्री आदरणीय श्री एके शर्मा जी की भी विशेष रूप से आभारी हूं, जिनकी सतत निगरानी, तकनीकी दृष्टिकोण और मानीटरिंग से नगरीय विकास कार्यों में क्रांतिकारी बदलाव आया है।
साथ ही लखनऊ जनपद के प्रभारी मंत्री आदरणीय श्री सुरेश खन्ना जी का भी आभार प्रकट करती हूँ, जिनकी प्रेरणा और मार्गदर्शन नगर निगम की योजनाओं को गति प्रदान करता रहा है। यह उपलब्धि लखनऊ नगर निगम के अधिकारियों, सफाईमित्रों, पार्षदगणों और प्रत्येक उस नागरिक की है, जिसने स्वच्छता को आंदोलन बनाकर इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाया। यह सम्मान हमें और अधिक उत्तरदायित्वपूर्ण कार्य करने की प्रेरणा देता है। हमारा संकल्प है कि आने वाले वर्षों में लखनऊ को स्वच्छता के क्षेत्र में देश का नंबर एक शहर बनाया जाए और इसे हर दृष्टि से एक आदर्श नगर के रूप में प्रस्तुत किया जाए।