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संपादक प्रवीण सैनी
युवा कौशल बढ़ाएँ, जातिवादी राजनीति को ठुकराएँ!”- डॉ. राजेश्वर सिंह
लखनऊ उत्तर प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश के बाद योगी सरकार ने जातिगत भेदभाव मिटाने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब यूपी में पुलिस एफआईआर, केस मेमो, अरेस्ट वारंट और थाने के बोर्ड पर किसी भी व्यक्ति की जाति का उल्लेख नहीं होगा। साथ ही जाति के नाम पर किसी रैली, वाहन या सम्मेलन पर रोक भी लागू की गई है।
*इस निर्णय का स्वागत करते हुए सरोजनीनगर भाजपा विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा:*
“माननीय उच्च न्यायालय व योगी सरकार का यह ऐतिहासिक निर्णय स्वागत योग्य है। अब जाति आधारित पहचान को सरकारी दस्तावेजों और सार्वजनिक आयोजनों से हटाया जाएगा। यह कदम जातिवादी मानसिकता पर प्रहार कर समानता और एकता की राह खोलता है।”
*समाजवादी पार्टी की जातिवादी राजनीति की कड़ी निंदा :*
विधायक ने समाजवादी पार्टी की जातिवादी राजनीति की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि उनकी राजनीति देश और समाज के लिए खतरनाक और विभाजनकारी है। जातिवाद युवाओं के लिए ज़हर है – यह पहचान को सीमित करता है, प्रतिभा और मेहनत को दबाता है, आत्मविश्वास तोड़ता है और युवाओं को आपस में भिड़ाता है।
*”कमज़ोर सनातन = कमज़ोर भारत।* जब भारत भीतर से कमजोर होता है, तब बाहरी खतरे बढ़ते हैं – अवैध घुसपैठ, धर्मांतरण, जनसांख्यिकीय असंतुलन। इसलिए जातिवाद को हर हाल में खारिज करना आवश्यक है।”
*डॉ. राजेश्वर सिंह ने युवाओं को संदेश दिया:*
“युवा कौशल बढ़ाएँ, जातिवादी राजनीति को ठुकराएँ। विकसित भारत@2047 का आधार हमारे युवा हैं। AI, Digital Technology, मैन्युफैक्चरिंग, डिफेंस और ग्रीन एनर्जी में लाखों नौकरियाँ हैं, लेकिन कौशल वाले युवा कम हैं।”
*समीक्षात्मक आंकड़े बताते हैं:*
81% कंपनियाँ तकनीकी स्किल वाले कर्मचारियों की कमी बताती हैं (EY–iMocha रिपोर्ट, 2023)
उच्च वृद्धि वाले क्षेत्रों में 2.9 करोड़ कुशल युवाओं की कमी (NSDC Skill Gap Study, 2024)
Generative AI में 10 नौकरियों के लिए केवल 1 इंजीनियर उपलब्ध (TeamLease Digital Report, 2024)
भारत में केवल 42–50% ग्रेजुएट्स तकनीकी क्षेत्रों में रोजगार योग्य (India Skills Report, 2025)
PMKVY योजना में 1.6 करोड़ प्रशिक्षित युवाओं में से केवल 24 लाख को नौकरी मिली (TOI, 2024)
डॉ. राजेश्वर सिंह ने निष्कर्ष देते हुए कहा: *”जातिवाद ज़हर है, कौशल शक्ति है। असली सशक्तिकरण जातीय अंकगणित से नहीं, बल्कि शिक्षा, कौशल विकास, डिजिटल सशक्तिकरण और समान अवसर से होता है। युवाओं को चाहिए कि वे समाज तोड़ने वाले नेताओं को ठुकराएँ और शिक्षा, तकनीक और एकता को अपनाकर भारत को मजबूत और समृद्ध बनाएँ