ब्राम्ह अनुभूति अखबार यूपी लाइव न्यूज 24 उत्तर प्रदेश
संपादक प्रवीण सैनी लखनऊ
पर्यावरणीय संकट, साइबर युद्ध और सांस्कृतिक एकता – इन तीन मोर्चों पर युवाओं को नेतृत्व संभालना होगा: डॉ. राजेश्वर सिंह
लखनऊ सरोजनीनगर के विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह बुधवार को कैसरबाग स्थित कला मंडपम में आयोजित ‘भविष्य-ए-उत्तर प्रदेश (स्टूडेंट पार्लियामेंट – 2025)’ कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने लखनऊ के विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से आए सैकड़ों युवा छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि, “युवा की कोई जाति नहीं होती, कोई धर्म नहीं होता; युवा स्वयं में एक विचार, एक ऊर्जा और एक क्रांति है। भारत का हर युवा एक यूनिट ऑफ़ चेंज है, जिसकी ऊर्जा ही राष्ट्र की शक्ति है।”
*2047 का भारत – युवाओं के कंधों पर भविष्य की जिम्मेदारी :*
डॉ. सिंह ने कहा कि भारत एक युवा देश है, जहाँ 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है और जिसकी औसत आयु मात्र 28 वर्ष है। उन्होंने कहा कि युवा ही वह शक्ति हैं जो 2047 तक भारत को आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक महाशक्ति बनाएगी। उन्होंने युवाओं से कहा कि हर पीढ़ी की चुनौतियाँ अलग होती हैं और आज की सबसे बड़ी चुनौती है- पर्यावरण संरक्षण। उन्होंने बताया कि औद्योगीकरण के बाद वैश्विक तापमान पहले ही 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ चुका है और यदि यह 0.5 डिग्री और बढ़ा तो स्थिति भयावह हो सकती है। प्रदूषण के कारण हर वर्ष लगभग 7 लाख लोग असमय मृत्यु का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह विषय युवाओं के चिंतन और विमर्श का होना चाहिए।
*इतिहास से सीख – एकता ही शक्ति है:*
डॉ. सिंह ने युवाओं को इतिहास की सीख याद दिलाते हुए कहा कि जब-जब भारत विभाजित हुआ, तब-तब उसने अपनी शक्ति खोई।
“ग़ज़नी, गौरी, मुग़ल इसलिए जीतते चले गए क्योंकि वे संगठित थे और हम बिखरे हुए। अंग्रेज़ों की संख्या भारत में दो लाख से अधिक कभी नहीं थी, फिर भी उन्होंने 30 करोड़ भारतीयों पर शासन किया, क्योंकि वे संगठित थे और हम विघटित।”
*आर्थिक उपलब्धियाँ और 2047 की आकांक्षा:*
डॉ. सिंह ने कहा कि जब देश आज़ाद हुआ, तब जीवन प्रत्याशा मात्र 35 वर्ष थी, लेकिन हमारे पूर्वजों ने अपने परिश्रम और संकल्प से भारत को विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाया। आज हमारे पास ₹50 लाख करोड़ का विदेशी मुद्रा एवं स्वर्ण भंडार है, हर वर्ष ₹6–7 लाख करोड़ का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आ रहा है, और प्रति व्यक्ति आय ₹500 से बढ़कर ₹2 लाख रुपये हो चुकी है।
उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे भारत की प्रति व्यक्ति आय को ₹50 लाख, GDP को $30 ट्रिलियन डॉलर, और साक्षरता दर को 100 प्रतिशत तक पहुँचाने का संकल्प लें -वह भी गुणवत्ता युक्त शिक्षा के साथ।
*डिजिटल युद्ध का युग – साइबर सुरक्षा बने प्राथमिकता :*
डॉ. सिंह ने कहा कि आज का समय डिजिटल वॉर का युग है। भारत में हर वर्ष 25 लाख से अधिक साइबर हमले हो रहे हैं,
जो 200 प्रतिशत की दर से बढ़ रहे हैं। “2024 में भारत के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज पर साइबर हमला हुआ, जिससे ₹2,000 करोड़ का नुकसान हुआ। यहाँ तक कि एम्स के सॉफ्टवेयर सिस्टम पर हुए हमले के कारण संस्थान के कार्य 7 दिन प्रभावित रहे,” उन्होंने बताया।
उन्होंने युवाओं से कहा कि वे ऐसे प्रोग्राम्स, कोड्स और सुरक्षा मॉडल्स तैयार करें, जो भारत को डिजिटल रूप से सुरक्षित और तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बना सकें। “2047 सिंगुलैरिटी का समय होगा जब मशीन और मानव मस्तिष्क साथ काम करेंगे। इस युग में भारत के युवा ही वह शक्ति हैं जो तकनीक को राष्ट्रीय सेवा में रूपांतरित करेंगे।” आयोजकों के प्रति आभार -इस भविष्यदर्शी आयोजन के सफल संचालन हेतु डॉ. सिंह ने आयोजकों अभिनव पटेल, सोमेन्द्र सिंह, दीपांशु पटेल, शिखर पुरी, आर्यन तोमर एवं आमिर का आभारन व्यक्त किया।