पार्किंग प्रबंधन समिति की बैठक में 78 पार्किंग स्थलों की सूची को मिली स्वीकृति

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यूपी लाइव न्यूज 24 उत्तर प्रदेश

संपादक प्रवीण सैनी लखनऊ

लखनऊ: नगर निगम मुख्यालय में मंगलवार को नगर आयुक्त श्री गौरव कुमार की अध्यक्षता में पार्किंग प्रबंधन समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में अपर नगर आयुक्त श्री पंकज श्रीवास्तव, अपर पुलिस उपायुक्त (यातायात) श्री अशोक कुमार सिंह, एडीएम सिटी ईस्ट श्री महेंद्र पाल सिंह समेत एआरटीओ, एलडीए, पीडब्लूडी, यूपीएमआरसी, सेतु निगम, एनएचएआई और नगर निगम के सभी जोन के नगर अभियंता उपस्थित रहे।

बैठक में रीजनल सेंटर फॉर अर्बन एंड एनवायरनमेंटल स्टडीज़ (RCUES) द्वारा नगर क्षेत्र में किए गए पार्किंग सर्वेक्षण की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। RCUES ने अपने सर्वेक्षण के आधार पर कुल 78 पार्किंग स्थलों की सूची उनके भौगोलिक कोऑर्डिनेट्स के साथ समिति के समक्ष प्रस्तुत की। यह सूची पार्किंग नियमावली 2025 में उल्लिखित पार्किंग क्षमता निर्धारण प्रणाली अर्थात ECS (Equivalent Car Space) के आधार पर तैयार की गई थी।

समिति के सदस्यों ने सर्वसम्मति से RCUES द्वारा तैयार की गई सूची और उसमें उल्लिखित आंकड़ों को उपयुक्त बताया। सदस्यों ने इस बात पर सहमति जताई कि इन्हीं कोऑर्डिनेट्स और ECS आधारित क्षमताओं के आधार पर निविदा (टेंडर) प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाए। साथ ही RCUES द्वारा तय किया गया न्यूनतम आरक्षित मूल्य (Reserve Price) भी उचित माना गया।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अगर कॉर्डिनेट्स में किसी परिवर्तन की आवश्यकता होगी तो वे परिवर्तन समिति के निर्णय से किए जाएंगे। समिति ने यह भी निर्देश दिया कि निविदा जारी करने से पहले सभी पार्किंग स्थलों पर मूलभूत सुविधाएं — जैसे कि छाया (शेड), पेयजल, और शौचालय की व्यवस्था — सुनिश्चित की जाए ताकि नागरिकों को असुविधा न हो।

इसके अलावा समिति ने यह भी तय किया कि लाइसेंस फीस में 5 प्रतिशत से कम वृद्धि किसी भी परिस्थिति में नहीं की जाएगी। लाइसेंस फीस में किसी भी प्रकार के परिवर्तन का अधिकार निविदा समिति को रहेगा। साथ ही यह भी सहमति बनी कि पार्किंग नियमावली 2025 में निर्धारित पार्किंग शुल्क दरें उपयुक्त हैं और इन्हें उसी रूप में लागू किया जाए।

समिति ने RCUES के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह रिपोर्ट नगर क्षेत्र में पार्किंग व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने में मील का पत्थर साबित होगी। इस पहल से न केवल शहर में यातायात की सुगमता बढ़ेगी बल्कि नगर निगम को राजस्व में भी वृद्धि प्राप्त होगी।

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