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मुख्य संपादक प्रवीण पिंकू लखनऊ
लखनऊ। नगर निगम लखनऊ द्वारा सरकारी भूमि को अतिक्रमणमुक्त कराने के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत गुरुवार को तहसील सरोजनी नगर क्षेत्र में एक बड़ी और प्रभावी कार्रवाई की गई। नगर आयुक्त श्री गौरव कुमार के निर्देश पर यह अभियान लगातार तेज़ी से संचालित किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत अपर नगर आयुक्त श्री पंकज श्रीवास्तव द्वारा गठित टीम ने ग्राम अमौसी, तहसील सरोजनी नगर, जिला लखनऊ में अवैध कब्जों के खिलाफ सख्त कदम उठाया।
नगर निगम की टीम ने मौके पर पहुंचकर सरकारी ऊसर भूमि पर किए गए अस्थायी अवैध अतिक्रमण को जेसीबी मशीन की सहायता से ध्वस्त किया। यह कार्रवाई प्रभारी अधिकारी (सम्पत्ति) श्री रामेश्वर प्रसाद एवं नगर निगम लखनऊ के तहसीलदार श्री अरविन्द पाण्डेय द्वारा उपलब्ध कराई गई टीम के माध्यम से संपन्न हुई। पूरे अभियान का नेतृत्व नायब तहसीलदार श्री रत्नेश कुमार ने किया।
अभियान के दौरान नगर निगम के लेखपाल श्री अजीत तिवारी, क्षेत्रीय लेखपाल श्री संजय शुक्ला तथा थाना सरोजनी नगर के थानाध्यक्ष द्वारा उपलब्ध कराए गए पर्याप्त पुलिस बल की उपस्थिति में कार्रवाई को शांतिपूर्ण एवं सुव्यवस्थित ढंग से अंजाम दिया गया। पुलिस बल की मौजूदगी के कारण किसी भी प्रकार की अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई और अभियान सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
नगर निगम अधिकारियों ने बताया कि ग्राम अमौसी स्थित खसरा संख्या 1287/1, कुल रकबा 1.868 हेक्टेयर ऊसर भूमि में से लगभग 19,052.0 वर्गफुट भूमि को अतिक्रमणमुक्त कराया गया है। इस भूमि की अनुमानित बाजारू कीमत लगभग 4 करोड़ 70 लाख रुपये आंकी गई है। लंबे समय से इस सरकारी भूमि पर अस्थायी निर्माण कर अवैध कब्जा किया गया था, जिसे हटाकर भूमि को पुनः नगर निगम के कब्जे में ले लिया गया है।
नगर आयुक्त श्री गौरव कुमार ने स्पष्ट किया है कि सरकारी भूमि पर किसी भी प्रकार का अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ऐसे सभी चिन्हित स्थलों पर निरंतर अभियान चलाकर सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। साथ ही उन्होंने आम नागरिकों से अपील की कि वे सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा न करें और नगर निगम के कार्यों में सहयोग करें।
अपर नगर आयुक्त श्री पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि नगर निगम का यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित सभी सरकारी भूमि को चरणबद्ध तरीके से अतिक्रमणमुक्त कराया जाएगा। इस कार्रवाई से न केवल सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि शहरी विकास एवं सार्वजनिक उपयोग के लिए भूमि उपलब्ध कराने में भी सहायता मिलेगी।