गोरखपुर सदर तहसील में समाधान दिवस आयोजित, 128 शिकायतें प्राप्त, 20 का मौके पर निस्तारण

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यूपी लाइव न्यूज 24 उत्तर प्रदेश

उप संपादक संजय मिश्रा

गोरखपुर।सदर तहसील सभागार में शनिवार को तहसील समाधान दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता उपजिलाधिकारी (एसडीएम) सदर दीपक गुप्ता ने की। समाधान दिवस में राजस्व, पुलिस, विकास, समाज कल्याण सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

समाधान दिवस में डिप्टी कलेक्टर/तहसीलदार सदर ज्ञान प्रताप सिंह, नायब तहसीलदार अरविंद नाथ पांडे, देवेंद्र यादव, आकांक्षा पासवान, भागीरथी सिंह सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

अधिकारियों ने एक-एक कर फरियादियों की समस्याएं सुनीं और त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए।भूमि विवाद, सीमांकन और रास्ते से जुड़े मामले छाए
समाधान दिवस में सर्वाधिक शिकायतें भूमि विवाद, सीमांकन, सार्वजनिक रास्तों पर अवैध कब्जा, खसरा-खतौनी में फर्जी इन्द्राज तथा राजस्व से जुड़े मामलों की रहीं।
कई मामलों में ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सार्वजनिक रास्तों पर निजी नाम दर्ज कराए गए हैं, जिससे आमजन के आवागमन में बाधा उत्पन्न हो रही है। एसडीएम सदर ने ऐसे मामलों में तत्काल जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश संबंधित लेखपाल व राजस्व निरीक्षकों को दिए।

समाधान दिवस में वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण अधिनियम से जुड़े प्रकरण भी सामने आए। एक वृद्ध महिला द्वारा पुत्रों पर न्यायालय के आदेश के बावजूद भरण-पोषण राशि न देने की शिकायत की गई। एसडीएम सदर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आदेश के अनुपालन हेतु त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए तथा संबंधित थाने को भी आवश्यक कदम उठाने को कहा।
सीमांकन के मामलों में सख्ती
खेतों के सीमांकन के बाद पत्थर उखाड़ने और दबंगई की शिकायतों पर एसडीएम सदर ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सीमांकन से छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। पुलिस एवं राजस्व विभाग को संयुक्त रूप से मौके पर जाकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया।

समाधान दिवस में कुल 128 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 20 मामलों का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया। शेष प्रकरणों को संबंधित विभागों को सौंपते हुए समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण के निर्देश दिए गए।

एसडीएम सदर दीपक गुप्ता ने कहा कि समाधान दिवस का उद्देश्य आमजन की समस्याओं का त्वरित, पारदर्शी और न्यायसंगत समाधान करना है। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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