यूपी लाइव न्यूज 24 उत्तर प्रदेश
ब्यूरो प्रमुख दुर्गेश अवस्थी
लुधियाना में प्रवर्तन निदेशालय ने लुधियाना स्थित टेक्सटाइल कंपनी वर्धमान ग्रुप के SP ओसवाल से हुई 7 करोड़ रुपये की डिजिटल ठगी के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। जालंधर जोनल ऑफिस की टीम ने 22 दिसंबर को पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और असम में 11 ठिकानों पर छापेमारी की। ये छापे मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 के तहत मारे गए और इस दौरान कई अहम दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए हैं। ED ने यह जांच लुधियाना के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR के आधार पर शुरू की थी। जांच में पता चला कि सीबीआई अधिकारी बनकर ठगों ने जाली दस्तावेज और अदालती कागजात का इस्तेमाल कर ओसवाल को डिजिटल अरेस्ट किया और उनसे 7 करोड़ रुपए अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया। कुल रकम में से 5.24 करोड़ रुपये का पता लगाकर अलग-अलग खातों से वापस ले लिया गया, जबकि बाकी रकम मजदूरों और डिलीवरी करने वालों के नाम पर खोले गए फर्जी खातों के जरिए घुमाई गई। इन खातों से पैसे या तो आगे भेजे गए या तुरंत नकद निकाल लिए गए ताकि पैसे का पता न चल सके। ED को यह भी पता चला कि इन फर्जी खातों को रूमी कलिता नाम की एक महिला चला रही थी, जिसे ठगी की रकम का एक हिस्सा मिलता था। छापेमारी के दौरान मिले सबूतों से पता चला है कि कलिता ने अपराध से कमाए गए पैसे को घुमाने में सक्रिय भूमिका निभाई