यूपी लाइव न्यूज 24 उत्तर प्रदेश
ब्यूरो प्रमुख दुर्गेश अवस्थी
रुपये के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने और घरेलू मुद्रा के कमजोर पड़ने के बीच कई अमीर भारतीय विदेश में पैसा भेजने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। इसी पृष्ठभूमि में कुछ बड़े प्राइवेट बैंकों ने रेमिटेंस प्रक्रिया को लेकर सख्ती बढ़ा दी है। जानकारी के मुताबिक, पिछले एक महीने के दौरान मुंबई मुख्यालय वाले कम से कम दो बड़े निजी बैंकों ने अपने ग्राहकों से विदेश भेजे जाने वाले पैसों के स्रोत यानी सोर्स ऑफ फंड्स से जुड़ा प्रमाणपत्र मांगा है। यह मांग स्थानीय हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (HNI), NRl और यहां तक कि एक फिल्म प्रोडक्शन कंपनी से भी की गई है। बैंकों का कहना है कि विदेश ट्रांसफर से पहले फंड के स्रोत का चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) द्वारा प्रमाणन जरूरी है। इतना ही नहीं, कुछ मामलों में बैंकों ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह सर्टिफिकेट केवल उन्हीं चार्टर्ड अकाउंटेंट्स से स्वीकार किया जाएगा, जो बैंक के पैनल में शामिल हों। इस अतिरिक्त शर्त के चलते कई ग्राहकों को रेमिटेंस प्रक्रिया में देरी और परेशानी का सामना करना पड़ रहा है