ब्राम्ह अनुभूति अखबार यूपी लाइव न्यूज 24 उत्तर प्रदेश
मुख्य संपादक प्रवीण सैनी लखनऊ
भाजपा लखनऊ महानगर द्वारा उत्तर विधानसभा के सीतापुर रोड स्थित सेंट जोसेफ विद्यालय के सभागार में एसआईआर के द्वितीय चरण की कार्यशाला आयोजित की गई।
कार्यशाला के उपरांत श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई की जन्मशताब्दी के उपलक्ष्य में संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रमों में क्षेत्रीय अध्यक्ष कमलेश मिश्रा, लखनऊ महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी, उत्तर विधायक डॉ नीरज बोरा मुख्य रूप से उपस्थित रहें।
मतदाता पुनरीक्षण अभियान के द्वितीय चरण की कार्यशाला को संबोधित करते हुए अवध क्षेत्र अध्यक्ष कमलेश मिश्रा ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल के लिए एसआईआर का कार्य सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। बहुत से बूथों पर एसआईआर का काम पूर्णतया किया जा चुका हैं । इस चरण में बूथ स्तर पर बैठक कर वोटर लिस्ट का वाचन किया जाए। उसमें मृतक, विस्थापित और लापता वोटरों की सूची का आंकलन ध्यानपूर्वक करना है। कोई भी पात्र मतदाता मतदाता सूची में नाम जुड़वाने से वंचित न रहे तथा कोई भी अपात्र व्यक्ति सूची में शामिल न हो सके इसकी भी चिंता करनी होगी। 18 वर्ष पूर्ण करने वाले मतदाताओं का परिमाण पत्र के साथ फार्म 6 बड़ी सावधानी पूर्वक भरवाना हैं।
लखनऊ महानगर अध्यक्ष आनन्द द्विवेदी ने कहा कि शुद्ध, अद्यतन और त्रुटिरहित मतदाता सूची लोकतंत्र की आधारशिला है और इसे सुनिश्चित करना बूथ स्तर पर बीएलओ-2 और कार्यकर्ताओं की प्राथमिक जिम्मेदारी है। नए मतदाताओं के नाम जोड़ने, मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाने तथा नाम, आयु और पते से जुड़ी त्रुटियों के सुधार की प्रक्रिया की जानकारी दी।
*श्रद्धेय अटल बिहारी बाजपाई जन्म शताब्दी संगोष्ठी कार्यक्रम*
क्षेत्रीय अध्यक्ष कमलेश मिश्रा ने श्रद्धेय अटल बिहारी बाजपाई जी की जन्म शताब्दी संगोष्ठी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आजादी के बाद इन्होंने सन् 1955 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा परन्तु सफलता हासिल नहीं हुयी। इसके बाद सन् 1957 में बलरामपुर, उत्तरप्रदेश से जनसंघ की ओर से विजय प्राप्त की। बाद में वे जनता पार्टी के नेतृत्व में बनी मोरारजी देसाई की सरकार में सन 1977 से 1979 तक विदेश मंत्री रहे। परंतु जनता पार्टी से असंतुष्ट होकर 1980 ईo में इन्होंने पार्टी छोड़ दी।इसके बाद 06 अप्रैल 1980 को इन्होंने लालकृष्ण आडवाणी और भैरो सिंह शेखावत के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी की स्थापना की। 1984 के लोकसभा चुनाव में इनकी पार्टी 02 सीटों पर चुनाव जीती। वहाँ से संघर्ष करते हुए भाजपा आगे बढती गई और सन् 1993 में ये संसद में विपक्ष के नेता बने। सन् 1995 में इन्हे प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित किया गया अटल जी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे, पहले 16 मई 1996 से 1 जून 1996 तक, दूसरी बार 19 मार्च 1998 से 13 अक्टूबर 1999 तक, फिर तीसरी बार 13 अक्टूबर से 22 मई 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। उनके नेतृत्व में देश ने प्रगति के नए आयाम छुए।
अटल जी ने 11 और 13 मई 1998 को पोखरण में भूमिगत परमाणु परीक्षण विस्फोट करके भारत को परमाणु शक्ति संपन्न देश घोषित कर दिया। 19 फरवरी 1999 को सदा-ए-सरहद नाम से दिल्ली से लाहौर तक बस सेवा शुरू की गई। इस सेवा का उद्घाटन करते हुए प्रथम यात्री के रूप में वाजपेयी जी ने पाकिस्तान की यात्रा करके नवाज़ शरीफ से मुलाकात की और आपसी संबंधों में एक नयी शुरुआत की।
करगिल में ऑपरेशन विजय साल 1999 में पाकिस्तानी सैनिक और घुसपैठिये सीमा पार कर कारगिल की ऊंची पहाड़ी की चोटियों पर आ जमे इसके बाद 8 मई 1999 को भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन विजय’ शुरू किया भारतीय सेना को कारगिल के युद्ध में बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था पाकिस्तानी सैनिक ऊंची पहाड़ियों पर बैठे थे और हमारे सैनिकों को गहरी खाई में रहकर उनसे मुकाबला करना था जिसका नतीजा अंतत: भारतीय सेना की जीत के रूप में सामने आया।
लखनऊ महानगर अध्यक्ष आनन्द द्विवेदी ने कहा कि अटल जी का संपूर्ण जीवन राष्ट्रसेवा, सुशासन और गरीब-कल्याण को समर्पित रहा। उन्होंने ही स्वर्णिम चतुर्भुज योजना के माध्यम से देश के चारों कोनों को आपस में जोड़कर प्रमुख औद्योगिक, कृषि, रक्षा, पर्यटन शिक्षा और सांस्कृतिक केंद्रों को संसाधन उपलब्ध कराया।
विधायक डॉक्टर नीरज बोरा ने कहां कि अटल जी सर्वमान्य नेता थे जिनका व्यक्तित्व और कृतित्व हम सभी के लिए गौरवशाली और प्रेरणा का स्रोत है।
मीडिया प्रभारी प्रवीण गर्ग ने बताया कि बैठक में महामंत्री राम अवतार कन्नौजिया, शैलेंद्र शर्मा अटल, उपाध्यक्ष धनश्याम दास अग्रवाल, डॉ विवेक तोमर, टिंकू सोनकर, सौरभ वाल्मीकि, चेतन बिष्ट, बृज किशोर पाण्डेय, सतीश वर्मा, अनुराग साहू सहित मंडल अध्यक्ष , पार्षदगण एवं बीएलओ-2, शक्ति केंद्र प्रभारी और बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।