उत्तर प्रदेश अलीगढ़ प्रबुद्ध लोगों के हस्तक्षेप के बाद एचबी इंटर कॉलेज में हुई रार का हुआ पटाक्षेप

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यूपी लाइव न्यूज 24 लखनऊ

उप संपादक संजय मिश्रा

महिला प्रिंसिपल के साथ मारपीट और अभद्रता का था मामला

अलीगढ़ इसे हम समाज के प्रबुद्ध लोगों द्वारा किए गए हस्तक्षेप का नतीजा कहेंगे या फिर यहां किसी की राजनैतिक एप्रोज काम आई है जो अलीगढ़ के बहुचर्चित हीरालाल बारहसैनी इंटर कॉलेज में प्रिंसिपल के साथ हुई मारपीट के मामले की रार का आखिरकार पटाक्षेप हो गया है इतना ही नहीं इस प्रकरण में जब आरोपी फर्नीचर कारोबारी को समाज की अदालत में खड़ा किया गया तो उन्होंने सबके सामने हाथ जोड़कर और प्रिंसिपल के पांव छूकर माफ़ी मांगी।आपको बता दें कि पिछले दिनों अलीगढ़ के हीरालाल बारहसैनी इंटर कॉलेज में महानगर के फर्नीचर कारोबारी गौरव हरकुट और उनके साथ अन्य लोगों ने स्कूल की महिला प्रधान अध्यापिका के साथ अभद्रता और मारपीट तक की थी और इसकी शिकायत प्रिंसिपल ने रोते बिलखते हुए मीडिया से की थी।इतना ही नहीं इस पूरे घटनाक्रम की तस्वीर सीसी टीवी में सामने आने और दवाब बनने पर इलाका पुलिस ने यद्यपि मुकदमा भी दर्ज कर लिया था।वहीं दूसरी तरफ इस घटनाक्रम की निंदा करते हुए जनपद के तमाम शिक्षक संगठनों ने धरना प्रदर्शन करते हुए अपनी हुंकार भरी और इस लडाई को प्रदेश स्तर तक लड़ने की बात कही थी लेकिन इसके बाद अचानक ना सिर्फ विद्यालय प्रबंधन और प्रिंसिपल ने चुप्पी साध ली है वहीं इस आंदोलन की वकालत करने वाले सभी शिक्षक नेता भी बैक फुट पर आ गए साथ ही इस बीच समाज के कुछ प्रभावशाली लोगों ने इस प्रकरण में हस्तक्षेप किया और इसी की बानगी है जो पिछले दिवस अंततः ऊंट पहाड़ के नीचे आ गया।इधर इस संबंध में पिछले दिवस कॉलेज के सभागार में वृहद रूप से एक बैठक बुलाई गई जिसमें ना सिर्फ विद्यालय प्रबंधन के लोग और प्रिंसिपल मौजूद रहीं बल्कि यहां पर इस आंदोलन को धार देने वाले शिक्षक संगठनों के नेता और समाज के गणमान्य लोग उपस्थित रहे जबकि यहां सभी की उपस्थिति में फर्नीचर कारोबारी गौरव हरकुट ने हाथ जोड़कर और प्रिंसिपल के पांव छूकर माफ़ी मांगी और अपने किए पर अफसोस जताया है।खास बात ये है कि बाद में प्रिंसिपल ने उन्हें माफ कर दिया और समाज के प्रबुद्ध लोगों ने तर्क दिया कि माफी देना गुरु जनों का कर्तव्य है। सूत्रों की मानें तो इस प्रकरण का यद्यपि अभी पटाक्षेप हो गया है लेकिन कारोबारी के पूर्व के तमाम प्रकरण ऐसे हैं जो शहर में काफी चर्चित रहे हैं।बताया जाता है कि उपरोक्त फर्नीचर कारोबारी ने क्लब की एक महफिल में शहर के एक प्रख्यात ताला कारोबारी के पुत्र से मारपीट की थी और एक अन्य कारोबारी पर फर्जी रंगदारी का केस लगाया था जिसमें बाद में फैसला हुआ।इसके अलावा आपका अपने ही चचेरे भाई से विवाद चल रहा है जो पहले से सुर्खियों में रहा है साथ ही महानगर के एक सराफा व्यापारी पर भी एक मुक़दमा दर्ज कराया जिसमें किसी व्यक्ति को मोहरा बनाकर इस्तेमाल किया गया था।वहीं अपने पड़ोसी पर भी रौब डालकर उसकी प्रॉपर्टी भी बहुत कम दामों पर खरीदी और एक पड़ोसी के बेटे पर भी केस लगाकर फैसला कराया।इसके साथ ही मुहल्ले के एक डॉक्टर साहब को इनकी मानसिक प्रताड़ना के कारण ना सिर्फ अपना क्लीनिक बंद करना पड़ा और फिर उन्हे अटैक भी आया।इधर नाम प्रकाशित ना करने की शर्त पर एक व्यक्ति ने यहां तक बताया कि इस तरह लोगों को फंसाना उनका रोज का काम है और पिछले दिनों एक एक्सपोर्टर से बदतमीजी और छापेबाजी के अतिरिक्त माहेश्वरी समाज के एक मैच में कूट रचित दस्तावेज के साथ एक खिलाड़ी को उतारकर यहां विवाद खड़ा करने की घटना भी ज्यादा पुरानी नहीं है।
बरहाल अब कोई कुछ भी कहे या फिर फर्नीचर कारोबारी पर कितने ही आरोप प्रत्यारोप क्यों न लगाए लेकिन अंततः हर बार हर मामले में उन्हें क्लीन चिट मिल जाना इनके रसूखदार होने का प्रमाण जरूर देते हैं

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