ब्राम्ह अनुभूति अखबार यूपी लाइव न्यूज 24 उत्तर प्रदेश
संपादक प्रवीण सैनी
लखनऊ नगर निगम लखनऊ द्वारा स्वच्छता व्यवस्था को लेकर चलाए जा रहे सतत निरीक्षण अभियान के तहत शनिवार 30 अगस्त 2025 को अपर नगर आयुक्त डॉ. अरविंद कुमार राव ने जोनल अधिकारी जोन-8 श्री अजीत राय के साथ मिलकर आशियाना, विद्यावती प्रथम, विद्यावती द्वितीय और हिन्द नगर वार्ड की सफाई व्यवस्था का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कई स्थानों पर गंदगी और कूड़े-कचरे का अंबार मिलने पर निगम प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए जिम्मेदार संस्था लॉयन एन्वायरो प्रा. लि. पर 5 लाख रुपये का आर्थिक दंड अधिरोपित किया।
अपर नगर आयुक्त के निरीक्षण में सबसे पहले विद्यावती प्रथम वार्ड के सेक्टर-एम, आशियाना स्थित जोनल पार्क रोड और खजाना मार्केट चौराहे के आसपास सड़कों और नालियों में कूड़े का ढेर मिला। इतना अधिक कचरा जमा था कि वह नालियों से निकलकर सड़कों पर फैल चुका था। इससे न केवल पानी का निकास अवरुद्ध हो रहा था बल्कि आने-जाने वाले राहगीरों को भी भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा था।
विद्यावती द्वितीय वार्ड स्थित सेक्टर-डी01, एमरॉल्ड मॉल और स्प्रिंग डेल स्कूल के पास निरीक्षण में साफ-सफाई की स्थिति अत्यंत खराब पाई गई। यहां न तो झाड़ू लगी थी और न ही कचरे का उठान हुआ था। जगह-जगह कूड़े के ढेर के बीच 4-5 आवारा पशु भी खड़े मिले। गुरुद्वारा रोड पर सीएनडी वेस्ट (निर्माण सामग्री का मलबा) भारी मात्रा में पड़ा मिला, जिससे पूरे क्षेत्र में दुर्गंध फैली हुई थी। इस कूड़े पर मक्खियों का जमावड़ा था, जो वर्षा ऋतु में संक्रामक रोग फैलाने का बड़ा कारण बन सकता है।
इसी प्रकार हिन्द नगर वार्ड स्थित सेक्टर-सी01, एलडीए कॉलोनी के माता की बगिया डंपिंग प्वाइंट पर भी भारी मात्रा में हार्टिकल्चर वेस्ट जमा पाया गया। इस कचरे के बीच आवारा पशु चारा खोजते दिखाई दिए।
निरीक्षण में यह भी पाया गया कि संस्था लॉयन एन्वायरो प्रा. लि. को 2 जनवरी 2025 से कार्य प्रारंभ करने के बावजूद आज तक प्रस्तावित पीसीटीएस प्रणाली (प्रोसेस्ड कलेक्शन ट्रांसफर स्टेशन) पूर्ण रूप से स्थापित नहीं की गई है। संस्था को कुल 5 स्थानों पर यह प्रणाली स्थापित करनी थी, परंतु समयसीमा के अंदर यह कार्य पूरा नहीं हो सका। इसके अलावा डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के लिए तय 170 गाड़ियों के स्थान पर केवल 140 गाड़ियां ही संचालित हो रही हैं। 30 गाड़ियों की कमी के कारण जोन-8 के कई मोहल्लों में नियमित कचरा संग्रहण नहीं हो पा रहा है।
निरीक्षण दल ने यह भी पाया कि लगभग 25 किलोमीटर लंबे मुख्य मार्गों पर अपेक्षित संख्या में सफाई कर्मचारी मौजूद नहीं थे। जहां न्यूनतम 50 कर्मचारियों की आवश्यकता थी, वहां गिने-चुने सफाईकर्मी ही कार्यरत पाए गए। इस कारण क्षेत्र की सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई थी।
इन गंभीर लापरवाहियों को देखते हुए अपर नगर आयुक्त ने संस्था पर अलग-अलग आधारों पर कुल ₹5,00,000 (पांच लाख रुपये) का जुर्माना लगाया। इसमें डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण की शिथिलता पर ₹1,00,000, भारी मात्रा में कचरा पाए जाने पर ₹2,00,000, हार्टिकल्चर वेस्ट न उठाने पर ₹50,000, डंपिंग प्वाइंट पर कचरे के अंबार और समय से निस्तारण न करने पर ₹1,00,000 तथा पीसीटीएस प्रणाली समय पर स्थापित न करने पर ₹50,000 का दंड शामिल है।
अपर नगर आयुक्त डॉ. राव ने संस्था को कड़े शब्दों में चेतावनी दी कि भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान नगर निगम की प्राथमिकता है और इसमें ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।