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संपादक प्रवीण सैनी
लखनऊ राजधानी लखनऊ का चरक चौराहा लंबे समय से ट्रैफिक जाम की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। यह चौराहा शहर के सबसे व्यस्त मार्गों में से एक है, जहाँ किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) और चौक क्षेत्र से आने वाला भारी ट्रैफिक आकर मिलता है। केजीएमयू उत्तर भारत का प्रमुख चिकित्सा संस्थान है, जहाँ प्रतिदिन हजारों की संख्या में मरीज, तीमारदार और आम नागरिक आते हैं। वहीं चौक पुराने लखनऊ का हृदय स्थल है, जो सर्राफा बाजार, कपड़ों की दुकानों और खाने-पीने के होटलों के लिए विख्यात है। यहां दिनभर खरीददारों और पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। ऐसे में दोनों ओर से आने वाला यातायात चरक चौराहे पर मिलकर रोज़ाना जाम की स्थिति उत्पन्न करता है।
इसी समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में नगर निगम ने कदम बढ़ाते हुए चरक चौराहे की रूपरेखा बदलने की योजना बनाई है। मंगलवार को नगर आयुक्त श्री गौरव कुमार ने अधिकारियों के साथ चरक चौराहे का निरीक्षण किया। इस दौरान लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता श्री जेपी मिश्रा, नगर निगम के मुख्य अभियंता श्री महेश वर्मा, एसीपी ट्रैफिक श्री राधा रमण सिंह, नगर निगम के अधिशासी अभियंता (ट्रैफिक) श्री नज़मी मुजफ्फर और ब्रिज कॉरपोरेशन के अभियंता भी मौजूद रहे। सभी अधिकारियों ने मिलकर चौराहे की मौजूदा स्थिति का गहन आकलन किया और यातायात की समस्या को दूर करने के उपायों पर विचार-विमर्श किया।
निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त श्री गौरव कुमार ने अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मौजूदा रोटरी की स्थिति ट्रैफिक जाम की मुख्य वजहों में से एक है। रोटरी (गोल चक्कर) के कारण वाहनों की गति रुक-रुककर बढ़ती है और कई बार सड़क पर दबाव इतना बढ़ जाता है कि पूरा चौराहा ठप हो जाता है। इसे देखते हुए उन्होंने रोटरी को शिफ्ट करने के निर्देश दिए, ताकि वाहनों की आवाजाही सुचारू हो सके और जाम से राहत मिले।
नगर आयुक्त महोदय ने पैदल यात्रियों की सुविधा पर भी विशेष जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि चौराहे पर सुरक्षित पाथवे का निर्माण कराया जाए, जिससे आमजन को सड़क पार करने में परेशानी न हो। रोज़ाना यहां बड़ी संख्या में लोग पैदल चलते हैं, जिनमें केजीएमयू आने वाले मरीज और तीमारदार भी शामिल हैं। ऐसे में पाथवे का निर्माण लोगों की सुविधा और सुरक्षा दोनों के लिए आवश्यक है।
चौराहे की नई डिजाइन को लेकर नगर आयुक्त ने अधीक्षण अभियंता को जिम्मेदारी सौंपी। उन्होंने कहा कि रोटरी की डिजाइन को आधुनिक जरूरतों के अनुसार तैयार किया जाए और हर पहलू की जांच करके ही उसे अंतिम रूप दिया जाए। इसके साथ ही, चौराहे पर मौजूद नाले को लेकर भी उन्होंने चिंता जताई। उन्होंने ब्रिज कॉरपोरेशन को निर्देश दिया कि नाले को कवर करने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाए, ताकि सड़क पर गंदगी न फैले और यातायात व्यवस्था में कोई बाधा न आए।
निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त महोदय ने चौराहे पर जमा मलबे को देखकर संबंधित अधिशासी अभियंता को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मलबा न केवल शहर की सुंदरता को खराब करता है बल्कि वाहन चालकों और पैदल यात्रियों के लिए भी परेशानी का कारण बनता है।
नगर आयुक्त श्री गौरव कुमार ने कहा कि इन सभी सुधारात्मक कदमों से चरक चौराहे की दशा और दिशा दोनों में सकारात्मक बदलाव आएगा। नई रूपरेखा के बाद वाहनों की आवाजाही सुचारू होगी, पैदल यात्रियों के लिए सुरक्षित रास्ते उपलब्ध होंगे और केजीएमयू व चौक क्षेत्र से आने-जाने वाले हजारों लोगों को राहत मिलेगी।