कर एवं करेत्तर मदों की वसूली की समीक्षा बैठक, महापौर सुषमा खर्कवाल ने दी सख्त चेतावनी

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ब्राम्ह अनुभूति अखबार यूपी लाइव न्यूज 24 उत्तर प्रदेश

संपादक प्रवीण सैनी

एक अप्रैल 2022 से ही करें टैक्स रिवाइज, आदेश का नहीं किया पालन तो होगी कड़ी कार्रवाई: महापौर

लखनऊ: नगर निगम लखनऊ में शुक्रवार को कर एवं करेत्तर मदों की वसूली को लेकर नगर निगम मुख्यालय में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता माननीय महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल ने की। इस दौरान नगर आयुक्त श्री गौरव कुमार, अपर नगर आयुक्त श्री ललित कुमार और डॉ. अरविंद राव समेत नगर, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी श्री अशोक सिंह, नगर निगम के सभी संबंधित अधिकारी, जोनल अधिकारी और राजस्व निरीक्षक उपस्थित रहे।

महापौर ने बैठक की शुरुआत करते हुए कहा कि नगर निगम की वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ बनाने के लिए कर एवं करेत्तर मदों की वसूली में किसी भी स्तर पर शिथिलता अस्वीकार्य है। उन्होंने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए कि नगर निगम की आय बढ़ाने के लिए ठोस रणनीति बनाकर उसे समयबद्ध तरीके से लागू किया जाए।

*बिल पुनरीक्षण की शिकायतों पर कड़ा रुख*

बैठक में सबसे पहले गृहकर से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा की गई। अधिकारियों ने बताया कि कई भवन स्वामी भुगतान कर देने के बाद भी बार-बार बिल पुनरीक्षण की शिकायतें कर रहे हैं। इस पर महापौर ने गहरी नाराज़गी जताई और कहा कि वर्ष 2022 पुनरीक्षण की अंतिम तिथि है। यदि इसके बाद किसी भी भवन का बिल पुनरीक्षित किया जाता है तो संबंधित अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब जी.आई.एस. सर्वे की कार्यवाही समाप्त हो चुकी है, अतः गृहकर की पुष्टि और पुनरीक्षण के लिए राजस्व निरीक्षक स्वयं स्थल पर जाकर सत्यापन करें। माननीय महापौर जी ने कहा कि उनके सामने कई बार ऐसे प्रकरण आए हैं जिसमें यह देखने को मिला है कि लोगों द्वारा साल 2024-25 तक के टैक्स को जमा करा दिया गया है। इसके बावजूद उनका लंबा चौड़ा बिल आ रहा है यह पूरी तरह से गलत है। अब अगर ऐसा कोई भी प्रकरण सामने आएगा तो सीधा कार्रवाई की जाएगी।

*राजस्व निरीक्षकों के स्थानांतरण पर नई व्यवस्था*

महापौर ने यह मुद्दा भी उठाया कि कई बार राजस्व निरीक्षक एक ही वार्ड में वर्षों तक तैनात रहते हैं या स्थानांतरण के बाद भी पुनः उसी वार्ड में आ जाते हैं। इस पर उन्होंने नगर आयुक्त को निर्देशित किया कि कोई भी निरीक्षक तीन वर्ष से अधिक एक वार्ड में न रहे। तय समयसीमा के बाद उनका स्थानांतरण अन्य जोन में अनिवार्य रूप से किया जाए।

*वसूली प्रतिशत पर असंतोष*

बैठक में विभिन्न वार्डों की वसूली का तुलनात्मक विश्लेषण भी प्रस्तुत किया गया। इसमें सामने आया कि कुछ वार्डों की वसूली अपेक्षा से बेहद कम है। इन आंकड़ों को देखकर महापौर ने गहरी नाराजगी जताई और संबंधित राजस्व निरीक्षकों को तत्काल सुधार लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि भविष्य में भी प्रदर्शन कमजोर रहा तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।

*बड़े प्रतिष्ठानों से प्राथमिकता के आधार पर वसूली*

महापौर ने यह स्पष्ट किया कि वसूली की प्राथमिकता बड़े प्रतिष्ठानों, होटलों, दुकानों, व्यावसायिक भवनों, स्टेडियमों और सरकारी भवनों पर होनी चाहिए। छोटे आवासीय भवनों को प्राथमिक लक्ष्य नहीं बनाया जाना चाहिए। इससे नगर निगम को कम समय में अधिक राजस्व प्राप्त होगा।

*नाम परिवर्तन प्रकरणों पर नाराजगी*

बैठक में नाम परिवर्तन से जुड़े लंबित प्रकरणों की समीक्षा भी की गई। महापौर ने नाराज़गी व्यक्त करते हुए कहा कि नागरिकों को अनावश्यक रूप से परेशान करना ठीक नहीं है। किसी भी प्रकरण को लंबित न रखा जाए। इस पर जोनल अधिकारियों ने बताया कि केवल उन्हीं प्रकरणों को रोका गया है जिन पर आपत्ति प्राप्त हुई है, बाकी का निस्तारण जल्द कर दिया जाएगा। महापौर ने स्पष्ट निर्देश दिए कि आपत्तियों का शीघ्र निराकरण कर लंबित प्रकरण तुरंत निस्तारित किए जाएं।

*आय बढ़ाने के लिए लाइसेंस सर्वे*

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि विभिन्न प्रकार के लाइसेंसों से आय बढ़ाई जाएगी। इसके अंतर्गत अस्पताल, क्लीनिक, देसी-विदेशी शराब की दुकानें, और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का सर्वे किया जाएगा और आवश्यकतानुसार नए लाइसेंस जारी किए जाएंगे।

*अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई पर भी असंतोष*

बैठक के दौरान महापौर ने शहर में चल रही अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई पर भी असंतोष जताया। उन्होंने कहा कि नगर निगम द्वारा की जा रही कार्रवाई प्रभावी नहीं दिख रही है, क्योंकि हटाए जाने के बाद भी अतिक्रमण दोबारा लग जाते हैं।

महापौर ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि जब भी अतिक्रमण हटाया जाए, तो ऐसी कार्यवाही होनी चाहिए कि वहां दोबारा अतिक्रमण न लगे। उन्होंने जोनल अधिकारियों से कहा कि कार्रवाई के दौरान स्थायी समाधान सुनिश्चित किया जाए ताकि नागरिकों को बार-बार समस्या का सामना न करना पड़े।

*साप्ताहिक समीक्षा बैठक का ऐलान*

बैठक के अंत में महापौर ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अब से प्रत्येक शनिवार को कर एवं करेत्तर मदों की वसूली पर समीक्षा बैठक होगी। इसमें जोन स्तर, कर अधीक्षक स्तर और राजस्व निरीक्षक स्तर पर की गई वसूली का आंकलन किया जाएगा।

महापौर ने स्पष्ट चेतावनी दी कि जो अधिकारी या कर्मचारी कमजोर प्रदर्शन करेंगे, वे दंड के पात्र होंगे, जबकि उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को पुरस्कृत किया जाएगा।

*महापौर का सख्त संदेश*

पूरी बैठक में महापौर का रुख बेहद सख्त रहा। उन्होंने कहा कि नगर निगम की आय बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। नागरिकों की समस्याओं को कम करने और पारदर्शिता लाने के लिए सभी अधिकारियों को पूरी जिम्मेदारी के साथ काम करना होगा।

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