महापौर ने किया सार्वजनिक शौचालयों का औचक निरीक्षण, लापरवाही पर अधिकारियों को फटकार

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ब्राम्ह अनुभूति अखबार यूपी लाइव न्यूज 24 उत्तर प्रदेश

संपादक प्रवीण सैनी

लखनऊ नगर निगम लखनऊ द्वारा संचालित सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति को सुधारने के लिए गुरुवार को महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल ने औचक निरीक्षण किया। इस दौरान कई शौचालयों में गंदगी और मूलभूत सुविधाओं के अभाव पाए जाने पर महापौर ने संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को कड़ी फटकार लगाई और तत्काल सुधार के निर्देश दिए।

महापौर सबसे पहले दया निधि पार्क के समीप स्थित सार्वजनिक शौचालय का निरीक्षण करने पहुंचीं। यहां पर साफ-सफाई की व्यवस्था पूरी तरह से नदारद मिली। शौचालय परिसर में सफाई का कोई सामान उपलब्ध नहीं था और दुर्गंध फैली हुई थी। इस पर नाराजगी जताते हुए महापौर ने संबंधित कर्मचारियों और अधिकारियों को कड़े शब्दों में फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि जनता की सुविधा के लिए बनाए गए शौचालयों में इस प्रकार की लापरवाही किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

इसके बाद महापौर ने जीपीओ स्थित सार्वजनिक शौचालय का निरीक्षण किया। यहां भी लापरवाही का आलम साफ दिखाई दिया। महिला शौचालय में लगी सेनेटरी पैड डिस्ट्रॉय करने वाली मशीन लंबे समय से खराब पड़ी थी, वहीं नए सेनेटरी पैड उपलब्ध कराने वाली मशीन खाली मिली। इसके अतिरिक्त शौचालय परिसर में गंदगी पाई गई। महापौर ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यह स्थिति बेहद शर्मनाक है और इससे महिलाओं को भारी असुविधा होती है।

महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल ने नगर आयुक्त श्री गौरव कुमार को निर्देश दिए कि लखनऊ के सभी सार्वजनिक शौचालयों की नियमित साफ-सफाई और मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि शहर में स्वच्छता की बेहतर व्यवस्था ही जनता को सुविधा प्रदान कर सकती है, और इसके लिए किसी भी स्तर पर ढिलाई स्वीकार नहीं की जाएगी। महापौर ने यह भी स्पष्ट किया कि दया निधि पार्क और जीपीओ शौचालय के रखरखाव में लापरवाही बरतने वाले ठेकेदार और कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त श्री गौरव कुमार, अपर नगर आयुक्त श्री अरुण कुमार गुप्त, डॉ. अरविंद कुमार राव सहित नगर निगम के अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

महापौर ने अधिकारियों से कहा कि हर सार्वजनिक शौचालय में सफाई कर्मियों की उपस्थिति सुनिश्चित होनी चाहिए, सेनेटरी मशीनें और अन्य आवश्यक सुविधाएं समय-समय पर चेक की जानी चाहिए और किसी भी तरह की शिकायत आने पर त्वरित कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि नगर निगम द्वारा संचालित सभी शौचालयों को जनता की सुविधा के अनुरूप बनाना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है।

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