यूपी लाइव न्यूज 24 उत्तर प्रदेश
संपादक प्रवीण सैनी
रूस के सुदूर पूर्वी इलाके कमचटका प्रायद्वीप में शुक्रवार तड़के भूकंप के तेज झटकों से जमीन हिल गई. अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण के मुताबिक, पेट्रोपावलोव्स्क-कमचाट्स्की क्षेत्र में आए इस भूकंप की तीव्रता 7.8 मापी गई और इसका केंद्र महज 10 किलोमीटर गहराई में था. तेज झटकों के बाद लगातार आफ्टरशॉक्स भी महसूस किए गए, जिनकी तीव्रता 5.8 तक रही.
कमचटका क्षेत्र के गवर्नर व्लादिमीर सोलोडोव ने टेलीग्राम पर लिखा कि भूकंप के बाद प्रायद्वीप के पूर्वी तट के लिए सुनामी चेतावनी जारी की गई है. उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों को खतरे के बारे में सतर्क किया जा रहा है, लेकिन अभी तक किसी बड़े नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है. उधर, अमेरिकी सुनामी चेतावनी प्रणाली ने कहा कि फिलहाल किसी बड़े सुनामी खतरे का आकलन नहीं किया गया है.
क्यों कामचटका में आते हैं भूकंप?
पेट्रोपावलोव्स्क-कमचाट्स्की दुनिया के सबसे भूकंपीय सक्रिय क्षेत्रों में आता है. यहां प्रशांत प्लेट और उत्तरी अमेरिकी प्लेट आपस में टकराती हैं, जिसके चलते अक्सर भूकंप आते रहते हैं. एक सप्ताह पहले शनिवार को इसी इलाके में 7.4 तीव्रता का भूकंप आया था. हालांकि, तब प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र (PTWC) ने कहा था कि सुनामी का कोई खतरा नहीं है.
पहले भी आया भीषण भूकंप
29 जुलाई 2025 को कमचटका के तट पर 8.8 तीव्रता का भीषण भूकंप आया था. हालिया इतिहास में सबसे खतरनाक घटनाओं में से एक था. उस समय रूस, जापान, अलास्का, गुआम, हवाई और अन्य प्रशांत द्वीपों में व्यापक स्तर पर सुनामी चेतावनियां जारी की गई थीं. कई जगहों पर 3–4 मीटर ऊंची लहरों ने तबाही मचाई और तटीय बस्तियों से लोगों को तुरंत हटाना पड़ा. जापान ने भी अपने प्रशांत तट पर 3 मीटर ऊंची लहरों का अलर्ट जारी किया था. अमेरिका के वेस्ट कोस्ट पर भी एडवाइजरी दी गई थी.
लगातार खतरे में कामचटका
लगातार आने वाले तेज भूकंप यह दिखाते हैं कि रूस का यह इलाका हमेशा खतरे में रहता है. यहां रहने वाले लोग हर बार नई दहशत के बीच जीते हैं, जबकि अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां लगातार नज़र बनाए हुए हैं. इससे पहले बुधवार को भी नेपाल में भूकंप आया था. तब 4 की तीव्रता वाले भूकंप से देश हिला था. भूकंप की गहराई 10 किमी थी.