लखनऊ में बढ़ते AQI पर नगर आयुक्त की उच्च स्तरीय बैठक, एक्शन प्लान तुरंत लागू करने के निर्देश

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संपादक प्रवीण सैनी लखनऊ

लखनऊ: लखनऊ शहर में लगातार बढ़ते वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के गंभीर स्तर को ध्यान में रखते हुए नगर आयुक्त श्री गौरव कुमार ने शनिवार को सिटी लेवल इम्प्लीमेंटेशन समिति की एक महत्वपूर्ण और उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की। यह बैठक एल्डेको ग्रीन स्थित SBM हॉल में संपन्न हुई, जिसमें शहर के प्रदूषण नियंत्रण से जुड़े लगभग सभी प्रमुख विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक में नगर निगम के अपर नगर आयुक्त श्री ललित कुमार और श्री पंकज कुमार श्रीवास्तव, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, सभी नगर अभियंता, जलकल विभाग के अधिकारी, जोनल सेनेटरी अधिकारी, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रीजनल ऑफिसर एवं सहायक अभियंता, वन विभाग के रीजनल फॉरेस्ट ऑफिसर, सेतु निगम के अभियंता और अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। सभी अधिकारियों ने लखनऊ की बिगड़ती वायु स्थिति पर चिंतन करते हुए तत्काल प्रभाव से कड़े कदम उठाने पर सहमति जताई।

*बैठक में नगर आयुक्त द्वारा दिए गए प्रमुख निर्देश*

*1. प्रदूषण वाले क्षेत्रों की त्वरित पहचान और एक्शन प्लान*
नगर आयुक्त ने सर्वप्रथम निर्देश दिया कि शहर के उन क्षेत्रों की तुरंत पहचान की जाए जहाँ AQI लगातार खराब और गंभीर स्तर तक पहुँच जाता है। इन क्षेत्रों के मुख्य प्रदूषण स्रोत जैसे—निर्माण धूल, वाहनों का धुआँ, कचरा जलना, सड़क पर फैला मलबा आदि—की सूची तैयार कर, उनका समाधान निकालने के लिए एक विस्तृत एक्शन प्लान बनाया जाए। इसके साथ, सभी जिम्मेदार अधिकारियों की स्पष्ट नामांकन सूची तैयार करने के निर्देश भी दिए गए ताकि कार्रवाई समय पर और जवाबदेही के साथ हो सके।

*2. धूल नियंत्रण के लिए पानी का छिड़काव और यांत्रिक सफाई*
जिन सड़कों पर धूल की मात्रा अधिक है, वहाँ नियमित आधार पर पानी का छिड़काव कराया जाएगा। नगर आयुक्त ने कहा कि मेकेनाइज्ड स्वीपिंग मशीनों का उपयोग बढ़ाया जाए और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त मशीनें तैनात की जाएँ। साथ ही, वाटर स्प्रिंकलिंग को सभी प्रमुख मार्गों पर अनिवार्य किया जाएगा।

*3. अवैध मलबा और C&D वेस्ट तत्काल हटाने के आदेश*
शहर में कई स्थानों पर निर्माण एवं विध्वंस मलबा (C&D Waste) खुले में पड़ा मिलता है, जो धूल का बड़ा स्रोत है। ऐसे सभी मलबों को नगर निगम टीम द्वारा तुरंत हटाने के आदेश दिए गए हैं। दोषियों की पहचान कर उन पर जुर्माना लगाने की कार्रवाई भी की जाएगी।

*4. RTO और ट्रैफिक पुलिस को सख्त कार्रवाई के निर्देश*
बैठक में यह पाया गया कि कई वाहन खुले में रेत, गिट्टी, मिट्टी जैसी सामग्री भरकर बिना ढके ढोते हैं, जिससे उड़ती धूल पूरे मार्ग में फैल जाती है। नगर आयुक्त ने RTO और ट्रैफिक पुलिस को पत्र लिखकर ऐसे वाहनों पर सख्त चालान लगाने का निर्देश दिया।

*5. एंटी-स्मॉग गन्स की सक्रियता बढ़ाने के निर्देश*
नगर आयुक्त ने आदेश दिया कि शहर में लगी सभी एंटी-स्मॉग गन्स की
सक्रियता बढ़ाने के निर्देश दिए। सभी एंटी स्मॉग गन को रोस्टर वाइस चलाने के निर्देश दिए।

*6. वाटर टैंकरों का पुनर्वितरण*
जलकल विभाग के पास उपलब्ध अतिरिक्त वाटर टैंकरों को शहर के विभिन्न जोनों में भेजने के निर्देश दिए गए। इससे पानी का छिड़काव और धूल नियंत्रण के उपाय तेजी से लागू होंगे।

*7. निर्माण स्थलों पर कड़े नियम*
जहाँ-जहाँ निर्माण कार्य चल रहा है, वहाँ ग्रीन नेट लगाना, पानी का छिड़काव करना और सड़क पर फैली सामग्री को हटाना अनिवार्य होगा। नियमों का उल्लंघन करने पर भारी अर्थदंड लगाया जाएगा।

*8. विशेष प्रवर्तन इकाई का गठन*
एक विशेष प्रवर्तन इकाई (Enforcement Unit) बनाई जाएगी, जो पूरे शहर में प्रतिदिन निरीक्षण करेगी। जो लोग नियमों का पालन नहीं करेंगे, उन पर मौके पर ही जुर्माना लगाया जाएगा।

*नगर आयुक्त का संदेश*
नगर आयुक्त श्री गौरव कुमार ने साफ कहा कि वायु प्रदूषण नियंत्रण नगर निगम की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिया कि इस एक्शन प्लान को पूरी गंभीरता, त्वरित गति और टीम भावना के साथ लागू किया जाए, ताकि लखनऊ के निवासियों को स्वच्छ हवा मिल सके।

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