सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र को चेतावनी दी कि स्थानीय निकाय चुनावों में 50% से अधिक आरक्षण हुआ तो चुनाव रोक दिए जाएंगे

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यूपी लाइव न्यूज 24 उत्तर प्रदेश

सह संपादक कपिल गुप्ता

कोर्ट ने कहा कि चुनाव केवल बांठिया आयोग-पूर्व स्थिति में ही कराए जाएं. कुछ क्षेत्रों में आरक्षण 70% तक पहुंचने की शिकायतों पर नोटिस जारी कर राज्य से जवाब भी मांगा।
अदालत ने कड़े शब्दों में कहा, “अगर तर्क यह है कि नामांकन शुरू हो गया है और कोर्ट कुछ न करे, तो हम चुनाव ही रोक देंगे. हमारी ताकत को परखने की कोशिश न करें।”

महाराष्ट्र में अगले महीने होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त चेतावनी दी है. कोर्ट ने कहा कि राज्य किसी भी परिस्थिति में 50% आरक्षण सीमा पार नहीं कर सकता. कोर्ट ने चेतावनी दी कि यदि आरक्षण की सीमा का उल्लंघन किया जाता है, तो वह चुनावों पर रोक लगा देगी।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने स्पष्ट किया कि चुनाव केवल उसी स्थिति में कराए जा सकते हैं, जो 2022 की जे.के. बांठिया आयोग रिपोर्ट से पहले लागू थी. इस रिपोर्ट ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) वर्ग के लिए 27% आरक्षण की अनुशंसा की थी और वर्तमान में यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है…

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