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उप संपादक संजय मिश्रा
अयोध्या – अपर जिला जज प्रदीप सिंह की अदालत ने शुक्रवार को खंडासा थाना क्षेत्र से जुड़े एक जमीनी विवाद में महिलाओं को जिन्दा जलाकर मार डालने के मामले में एक आरोपित को उम्र कैद की सजा सुनाई है। साथ ही एक लाख दस हजार रूपये का अर्थदंड भी लगाया है। लगभग तीन दशक पुराने इस मामले में अदालत पहले ही दो आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुना चुकी है।
31 वर्ष पूर्व खंडासा थाना क्षेत्र के पूरे भाले सुल्तान गांव में जमीन के बंटवारे के विवाद में एक घर में आगजनी हुई थी। घटना में भानुमति और चंद्रावती की मौके पर मौत हो गई थी तथा गंभीर रूप से झुलसी प्रभु देई ने इलाज के दौरान घटना के डेढ़ माह बाद दम तोड़ दिया था। प्रकरण में उर्मिला देवी ने चार अप्रैल 1994 को घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सतीश चंद्र देवरस ने बताया कितहरीर में कहा गया था कि घटना के दिन उसके पति थाने जाने की बात बताकर बेटे रमेश के साथ घर से निकले थे। दोनों वापस घर नहीं लौटे और इसी बीच लगभग नौ बजे दिन में विपक्षी ने विवादित जमीन में दीवाल का निर्माण शुरू कर दिया। रोकने पर अजीत सिंह, विश्वनाथ सिंह,सूर्यनाथ सिंह,अमर बहादुर सिंह, बदलू सिंह, करिया सिंह, नईम, जाबिर अली, कमलेश सिंह, प्रदीप सिंह तथा त्रिभुवन सिंह ने विनय और उनके चाचा पर हमला बोल दिया। वह लोग जान बचाकर भागे तो घर में आग लगा दी।
उन्होंने बताया कि मामले में एक आरोपित त्रिभुवन सिंह आठ अगस्त 2005 को फरार हो गया था। अपर जिला जज दीनानाथ ने 25 अक्टूबर 2005 को कमलेश सिंह व प्रदीप सिंह को आजीवन कारावास तथा प्रत्येक को 37 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी और अन्य अभियुक्तों को दोष मुक्त कर दिया था। अक्टूबर 2024 में जितेंद्र के अदालत में सरेंडर करने के बाद उसके खिलाफ विचारण शुरू हुआ।