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मुख्य संपादक प्रवीण सैनी लखनऊ
समय को पीछे छोड़ने वाली रफ्तार : 50 साल बाद भी कायम ट्रिपल क्राउन रिकॉर्ड और ‘सेक्रेटेरिएट’ की विरासत : डॉ. राजेश्वर सिंह
लखनऊ घुड़दौड़ मानव सभ्यता के सबसे प्राचीन और प्रतिष्ठित खेलों में से एक है, जो परंपरा, अनुशासन और उत्कृष्टता का अद्वितीय संगम प्रस्तुत करता है। ये विचार व्यक्त किए हैं, सरोजनी नगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने, जो लखनऊ रेस एंड टर्फ क्लब में आयोजित ‘अर्जुन कप – द मैजेस्टिक हॉर्स रेस’ कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने विजेता एवं प्रतिभागी घुड़सवारों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन और खेल भावना के लिए सम्मानित किया।
डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि लखनऊ रेस एंड टर्फ क्लब, जो वर्ष 1860 में पंजीकृत और 1891 में औपचारिक रूप से स्थापित हुआ, भारत की घुड़दौड़ परंपरा का एक जीवंत प्रतीक है। लगभग 70.22 एकड़ में विस्तारित यह ऐतिहासिक परिसर भारत के सबसे लंबे अंडाकार रेस ट्रैक (3,200 मीटर) का गौरव रखता है, जो anticlockwise दिशा में संचालित होता है। टोंगा और जिमखाना रेस से लेकर Thoroughbred Racing और Polo तक, यह रेसकोर्स भारतीय खेल विरासत का सजीव दस्तावेज है।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संदर्भ देते हुए कहा कि विश्व स्तर पर Secretariat जैसे घोड़े केवल अपनी जीत के लिए नहीं, बल्कि खेल में प्रभुत्व की परिभाषा को पुनर्परिभाषित करने के लिए याद किए जाते हैं। वर्ष 1973 के Belmont Stakes में Secretariat द्वारा negative splits के साथ दौड़ के अंतिम चरण में गति बढ़ाना, और पाँच दशकों से अधिक समय बाद भी Triple Crown की तीनों रेसों के रिकॉर्ड का कायम रहना, यह सिद्ध करता है कि सच्ची महानता समय की सीमाओं से परे होती है।
कार्यक्रम के सफल एवं भव्य आयोजन के लिए डॉ. राजेश्वर सिंह ने आयोजक शरद चौधरी एवं करन चंद्रा के प्रयासों की सराहना की। साथ ही मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार सहित सभी विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन खेल संस्कृति को नई दिशा और वैश्विक पहचान प्रदान करते हैं।