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संपादक प्रवीण सैनी लखनऊ
अयोध्या: प्रभु श्री राम की पावन नगरी अयोध्या में अखिल भारतीय महापौर परिषद द्वारा आयोजित दो दिवसीय प्रादेशिक महापौर सम्मेलन का सफल आयोजन किया गया। सम्मेलन का दूसरा दिन अयोध्या स्थित पंचवटी होटल में आयोजित बैठक के रूप में सम्पन्न हुआ। इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता अयोध्या नगर निगम के माननीय महापौर महंत श्री गिरीशपति त्रिपाठी जी ने की। बैठक में उत्तर प्रदेश के विभिन्न प्रमुख नगरों से आए लखनऊ, बरेली, कानपुर, मुरादाबाद, सहारनपुर, झांसी, गोरखपुर एवं प्रयागराज के माननीय महापौरों ने सहभागिता की।
बैठक के दौरान सभी महापौरों ने अपने-अपने नगर निगमों द्वारा कराए जा रहे विकास कार्यों, नवाचारों, स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण एवं नागरिक सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर विस्तार से चर्चा की। नगरों के सतत विकास, स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, हरित क्षेत्र के विस्तार तथा नागरिक सहभागिता जैसे विषय बैठक के केंद्र में रहे।
इस अवसर पर लखनऊ नगर निगम की माननीय महापौर एवं अखिल भारतीय महापौर परिषद की महासचिव श्रीमती सुषमा खर्कवाल जी ने लखनऊ में चल रहे विकास कार्यों की विस्तृत जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि लखनऊ नगर निगम द्वारा प्रदेश का सबसे आधुनिक नगर निगम कार्यालय भवन निर्मित कराया जा रहा है, जो न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि देश के सबसे आधुनिक नगर निगम भवनों में से एक होगा। यह भवन आधुनिक सुविधाओं, ई-गवर्नेंस और नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
श्रीमती खर्कवाल जी ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि लखनऊ नगर निगम द्वारा 1200 से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों के माध्यम से कूड़ा उठान का कार्य किया जा रहा है, जिससे ईंधन की बचत के साथ-साथ वायु प्रदूषण में भी कमी आई है। उन्होंने बताया कि जिस प्रेरणा स्थल का हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा उद्घाटन किया गया, वहां पहले कूड़े का विशाल पहाड़ मौजूद था। नगर निगम लखनऊ द्वारा लगभग छह लाख टन कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण कर उस स्थान को एक प्रेरणास्पद स्थल के रूप में विकसित किया गया है।
इसके साथ ही नगर के प्रमुख मार्गों एवं खाली पड़ी भूमि पर लगभग 3.5 लाख पौधों का रोपण कर हरित क्षेत्र विकसित किया गया है। सड़क चौड़ीकरण और फुटपाथ निर्माण के साथ हुए इस हरित विकास से धूल प्रदूषण में कमी आई है तथा वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि शिवरी स्थित ठोस अपशिष्ट प्रोसेसिंग प्लांट पर 2 मेगावॉट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया जा रहा है, जिससे प्लांट के विद्युत व्यय में प्रतिमाह लगभग 20 लाख रुपये की बचत की संभावना है। साथ ही नगर निगम द्वारा कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने और कार्बन क्रेडिट के अवसर प्राप्त करने के लिए भी निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
बैठक में अखिल भारतीय महापौर परिषद उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष एवं माननीय महापौर बरेली श्री उमेश गौतम जी, माननीय महापौर सहारनपुर डॉ. अजय कुमार सिंह जी, माननीय महापौर अयोध्या महंत श्री गिरीशपति त्रिपाठी जी, माननीय महापौर गोरखपुर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव जी, माननीय महापौर कानपुर श्रीमती प्रमिला पाण्डेय जी, माननीय महापौर झांसी श्री बिहारी लाल आर्य जी, माननीय महापौर मुरादाबाद श्री विनोद अग्रवाल जी तथा माननीय महापौर प्रयागराज श्री गणेश केसरवानी जी की गरिमामयी उपस्थिति रही।
इस अवसर पर माननीय नगर विकास मंत्री आदरणीय श्री ए.के. शर्मा जी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने प्रदेश के विभिन्न नगर निगमों द्वारा कराए जा रहे विकास कार्यों की सराहना करते हुए नगरों को आत्मनिर्भर, स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल बनाने पर जोर दिया।
सम्मेलन के पहले दिन सभी माननीय महापौरों ने अयोध्या नगर निगम द्वारा कराए गए विकास कार्यों का स्थल भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने अयोध्या के प्रमुख और प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन किए, श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु श्री राम के दर्शन कर आशीर्वाद लिया तथा सायंकाल सरयू मईया की भव्य आरती में सहभागिता की। सम्मेलन ने नगरों के साझा विकास और आपसी सहयोग को नई दिशा प्रदान की।