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मुख्य संपादक प्रवीण सैनी लखनऊ
महापौर सुषमा खर्कवाल एवं नगर आयुक्त गौरव कुमार के नेतृत्व में राजधानी बनी “ग्रीन मॉडल सिटी”
लखनऊ वर्ष 2025 लखनऊ नगर निगम के इतिहास में पर्यावरण संरक्षण, हरित विस्तार और सतत विकास के लिहाज से एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज हुआ। माननीय महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल जी की दूरदर्शी सोच और नगर आयुक्त श्री गौरव कुमार के प्रभावी प्रशासनिक नेतृत्व में नगर निगम लखनऊ ने “हरित लखनऊ” की संकल्पना को धरातल पर साकार किया। वर्ष भर चले व्यापक वृक्षारोपण अभियानों, मियावाकी पद्धति से विकसित घने वनों और नए उपवनों ने राजधानी की हरियाली को नई पहचान दी।
*1.37 लाख से अधिक पौधों का वृक्षारोपण, जनभागीदारी बनी ताकत*
वृक्षारोपण वर्ष 2025 के अंतर्गत वन विभाग की नर्सरियों से प्राप्त पौधों के माध्यम से नगर निगम लखनऊ द्वारा कुल 1,37,312 पौधों का रोपण किया गया। माननीय प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी कि पहल ‘एक पेड़ मान के नाम’ अभियान को आगे बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री व लखनऊ जनपद के प्रभारी मंत्री आदरणीय श्री सुरेश खन्ना जी एवं माननीय महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल जी द्वारा हर मंगलवार को शहर में पार्क व नगर निगम की खाली पड़ी जमीन पर पौधारोपण कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता रहा है। यह वृक्षारोपण शहर के पार्कों, हरित पट्टिकाओं, डिवाइडरों एवं प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर आरडब्ल्यूए के सक्रिय सहयोग से संपन्न हुआ। रोपित पौधों में अशोक, अर्जुन, गुलमोहर, जामुन, कचनार, नींबू, अनार, मौलश्री, शीशम, आम, सागौन, बाटलब्रश, चम्पा, हरसिंगार, कनेर सहित दर्जनों छायादार, फलदार और सजावटी प्रजातियां शामिल रहीं, जिससे जैव विविधता को मजबूती मिली।
*मियावाकी पद्धति से 8 वनों का विकास, तेजी से बढ़ेगा हरित क्षेत्र*
नगर निगम के उद्यान विभाग ने वर्ष 2025 में 08 स्थानों पर मियावाकी पद्धति से वन विकसित कर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम उठाया। रसूलपुर कायस्थ में पार्ट-ए, बी, सी और डी के अंतर्गत चार मियावाकी वन विकसित किए गए, जिनमें प्रत्येक का क्षेत्रफल 11,200 वर्गमीटर तथा प्रत्येक में 44,800 पौधे रोपित किए गए।
इसके अतिरिक्त औरंगाबाद जागीर में स्थित अटल हरित उपवन (60,700 वर्गमीटर) में 2,12,450 पौधों का रोपण कर इसे राजधानी का प्रमुख हरित केंद्र बनाया गया। वहीं ग्राम बरावनकला, लोनापुर (सहजन पार्क) और भैंसोरा में 4,000–4,000 वर्गमीटर क्षेत्र में 14,000-14,000 पौधों के साथ उपवन विकसित किए गए।
*पार्कों में भी हरियाली का विस्तार*
शहर के 03 प्रमुख पार्कों—सेक्टर-डी और सेक्टर-ओ (अलीगंज) तथा कथा पार्क (सेक्टर-13)—में मियावाकी पद्धति से 1,000 वर्गमीटर क्षेत्र में 3,500 पौधे प्रति पार्क लगाए गए, जिससे शहरी क्षेत्रों में हरित आवरण सघन हुआ।